कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट की बैक टू बैक मैराथन बैठकों का दौर देर रात विधायकों से चर्चा के साथ हुआ ख़त्म , बैठक में किसे नहीं मिला बोलने का मौका… कौन-कौन हुआ असंतुष्ट?

रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट की बैक टू बैक मैराथन बैठकों का दौर देर रात विधायकों से चर्चा के साथ ख़त्म हुआ. बैठक की सबसे ख़ास बात ये रही कि विधायकों को बोलने का मौक़ा ही नहीं दिया गया. विधायकों को इस बात की उम्मीद थी कि अपने क्षेत्र और संगठन को लेकर बैठक में अपनी बात रख सकेंगे. लेकिन सभी विधायक असंतुष्ट होकर निकले.

बैठक में प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने अपनी-अपनी बात तो रखी लेकिन किसी विद्यायक को चर्चा में शामिल नहीं किया.पीसीसी की ओर से जारी शेड्यूल में ये उल्लिखित किया गया था कि प्रभारी के इस दौरे में विधायकों को विशेष समय दिया जाएगा जिसमें विधायक प्रभारी से चर्चा कर सकेंगे लेकिन हुआ विपरीत.

बैठक पूर्ण रूप से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के दौरे को लेकर तैयारी पर केंद्रित रही. राष्ट्रीय अध्यक्ष के दौरे को कैसे सफल बनाया जाए, सभा में कितने लोग कहाँ से कैसे आयेंगे इस पर चर्चा हुई. विधायकों के साथ बैठक के बाद नेताप्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि अध्यक्ष बनने के बाद मल्लीकार्जुन खड़गे पहली बार कांग्रेस के साथियों को ऊर्जा देने छत्तीसगढ़ आ रहे हैं.सबकी बराबर और बेहतर भागीदारी हो इसके निर्देश दिये गये है.विधायकों के क्षेत्र से ज्यादा से ज्यादा लोग उपस्थित हो इसके निर्देश दिये गये हैं.

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