मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चार साल और छत्तीसगढ़ मॉडल

शैलेश आनंद सोजवाल

संपादक की कलम से

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल के चार वर्ष सफलतापूर्वक संपन्न हो गए जिसमे राज्य सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के साथ छत्तीसगढ़िया संस्कृति को आगे बढ़ाने का काम कर रही है। प्रदेश के अन्नदाता खुशहाल हैं स्वावलंबी बन रही महिलाओं के चेहरे पर आत्मविश्वास की चमक है। यह कांग्रेस सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है।

मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सीधे मंत्रालय जाकर 19 लाख किसानों के लगभग 11 हजार करोड़ रूपए की ऋण माफी और 2500 रूपए में धान खरीदी का फैसला लिया। इस फैसले के साथ ही न्याय का जो सफर प्रारंभ हुआ था वह आज भी जारी है।  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अनुसार महात्मा गांधी ने स्वावलंबी गांवों का सपना देखा था उनकी परिकल्पना का अनुसरण करते हुए सुराजी गांव योजना प्रारंभ की। गांवों को उत्पादन का केन्द्र बनाने और शहरों को वाणिज्य और व्यापार का केन्द्र बनाने की शुरूआत हुई। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 9000 से अधिक गौठानों में हजारों महिलाएं गोबर खरीदी, वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने सहित अनेक आजीविका मूलक गतिविधियों में संलग्न है। इससे उनकी आय बढ़ी है और वे स्वावलंबी बनी है। गौठानों में तैयार की गई लगभग 20 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खेतों में पहुंची। राज्य सरकार के आव्हान पर हजारों हजार किसानों ने मवेशियों के लिए पैरादान किया। गौठानों के माध्यम से ग्लोबल वार्मिंग कम करने, कार्बन उत्सर्जन कम करने छत्तीसगढ़ का छोटा सा योगदान है। हमारे चार हजार से अधिक गौठान स्वावलंबी बन गए हैं। गौठान समितियों के पास 15 से 16 लाख रूपए तक की राशि जमा है। इस राशि से ये गौठान गोबर खरीद रहे हैं और गांवों के विकास के लिए काम कर रहे हैं। यह एक बड़ा सकारात्मक बदलाव है। सामान्यतः राज्य अथवा केन्द्र सरकार से मिली राशि से गांवों के विकास के कार्य किए जाते रहे हैं, गौठानों ने खुद की पूंजी से गांव के विकास में योगदान देना प्रारंभ किया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जनहितकारी योजनाओ जिसमे राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, वन अधिकार पट्टों का वितरण, स्वामी आत्मानंद इंग्लिश माध्यम स्कूल, लघु वनोपजों के संग्रहण और वेल्यू ऐडिशन, घोटुल, देवगुड़ियों के विकास, राम वन गमन पर्यटन परिपथ का विशेष रूप से कार्य किए उन्होंने सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का कार्य भी कर रहे हैं। उन्होंने इस संदर्भ में स्वामी विवेकानंद स्मारक की स्थापना और महान दार्शनिक नागार्जुन की तपोस्थली को विकसित करने के फैसले छत्तीसगढ़ी तीज त्यौहारों को बढ़ावा देने के प्रयासों का उल्लेख किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत और इडब्ल्यूएस को 4 प्रतिशत का आरक्षण देने का विधेयक सर्वानुमति से पारित किया गया है।

 

 

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