प्लांट संचालक फ्लाईऐश बेच रहे 6 सौ रूपए टन, जबकि मुफ्त देने का है नियम

शैलेश आनंद सोजवाल 

००  फ्लाईऐश ब्रिक्स एसोसिएशन ने  सरकार से की मांग, मुफ्त में प्लांट दे फ्लाई ऐश

०० लाल ईट बिक रहे 6 से 7 रूपए प्रति नग, फ्लाई ऐश की कीमते है काफी कम

रायपुर :  प्रदेशभर के प्लांटो से निकलने वाला फ्लाई ऐश वेस्ट मटेरियल को डंप करने का प्रावधान है मगर प्लांट संचालक इसे भी 600 रूपए प्रति टन की कीमत पर बिक्री कर रहे है, फ्लाईऐश ब्रिक्स एसोसिएशन ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार से प्लांटो से निकलने वाले फ्लाईऐश को मुफ्त में देने की मांग करते आ रहे है मगर शासन की पहल नहीं करने की वजह से प्लांट संचालक फ्लाईऐश को उचे दाम में बेचकर अपनी जेबे भर रहे है वही फ्लाईऐश ब्रिक्स बनाने वाले लोग बेहद ही कम दाम में इसकी बिक्री करते है जिसके बाद भी महंगे दामो में फ्लाईऐश की बिक्री होने से उनके व्यापार में परेशानिया आ रही है|

फ्लाईऐश ब्रिक्स एसोसिएशन की माने तो फ्लाईऐश ब्रिक्स उद्योग लगाने से कई लोगो को रोजगार मिलता है वही प्लांट से निकलने वाले फ्लाई ऐश वेस्ट मटेरियल पहले मुफ्त में मिलता था जिसका उपयोग ब्रिक्स बनाने में किया जाता था जिसे बाजार में भी बेहद कम दाम पर बिक्री कर उद्योग संचालित किया जाता है मगर प्लांट संचालक अब फ्लाईऐश को प्रति टन 600 में बेच रहे है जिसके चलते फ्लाईऐश ब्रिक्स की लागत बढ़ गई है वही लाल ईट बनाने में पर्यावरण प्रदुषण होता है जबकि फ्लाईऐश ब्रिक्स  बनाने में किसी भी तरह का नुकसान प्रकृति को नहीं होता है वरन प्लांट से निकलने वाले वेस्ट का उपयोग भी हो जाता है| बाजार में लाल ईट प्रति नग 6 से 7 रूपए में बिक्री किया जा रहा है जबकि फ्लाईऐश ब्रिक्स महज 3 रूपए में उपलब्ध है ऐसे में शासन को भी फ्लाईऐश ब्रिक्स उद्योग से जुड़े लोगो को राहत देते हुए फ्लाईऐश को मुफ्त में उपलब्ध कराकर लोगो को रोजगार के अवसर प्रदान करना चाहिए|

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